राजस्थान नगरपालिका अधिनियम, 2009 के तहत राज्य सरकार द्वारा राज्य की समस्त नगरपालिकाओं, नगर न्यास, नगर परिषद एवं नगर निगमों की परिसीमा में स्थित सम्पत्तियों पर गृहकर को समाप्त कर वित्तीय वर्ष 2007-08 से जो कर उदग्रहण किया गया है उसे नगरीय विकास कर कहते है। अधिक जानकारी के लिए अपने मोबाईल पर rajmuncipal.com पर जाये।
नगरीय विकास कर सभी सम्पत्तियाँ आती है, जो नियमानुसार कर के दायरें में आती है। जिन पर नगरीय विकास कर आवासीय, व्यावसायिक, औद्योगिक एवं संस्थानिक के अनुसार लगाया जाता है।
नहीं सभी सम्पत्तियां नगरीय विकास कर के दायरें में नहीं आती है। राज्य सरकार के नियमानुसार
निम्न सम्पत्तियां नगरीय विकास कर के दायरें में आती है। शेष सम्पत्तियां कर मुक्त हैः-
1. 300 वर्गगज से अधिक के आवासीय भूखण्डों पर नगरीय विकास कर लागू है।
2. 100 वर्गगज से अधिक के व्यावसायिक भूखण्डों पर या उक्त भूखण्ड पर निर्मित तलों के अनुसार जो
900 वर्गफीट से अधिक हो।
3. औद्योगिक भूखण्डों पर 500 वर्गगज से अधिक के भूखण्ड या उक्त भूखण्ड के निर्मित तलों के अनुसार
जो 4500 वर्गफीट से अधिक हो (औद्योगिक क्षेत्रों में उत्पादन श्रेणी के उद्योग को छोडकर)।
4. 100 वर्गगज से अधिक के संस्थानिक भूखण्डों पर भूखण्ड या उक्त भूखण्ड पर निर्मित तलों के
अनुसार जो 900 वर्गफीट से अधिक हो।
नगरीय विकास कर समस्त 300 वर्गगज से अधिक के रिहायशी मकानों पर और फ्लैट में 1500 वर्गफीट से अधिक निर्मित क्षेत्र होने पर नगरीय विकास कर उदग्रहणीय है।
नहीं, इस नगरीय विकास कर नहीं लगेगा।
नहीं इस प्रकार के आवासीय भूखण्डों पर नगरीय विकास कर नहीं लगेगा है।
नहीं इस प्रकार के आवासीय भूखण्डों पर नगरीय विकास कर नहीं लगेगा है।
हां, इस पर नगरीय विकास कर लागू होगा।
खाली भूखण्ड पर भी नगरीय विकास कर लागू है किन्तु उक्त भूखण्ड नगरीय विकास कर के दायरें में आना चाहिए जैसे खाली भूखण्ड का क्षेत्रफल 300 वर्गगज एवं व्यावसायिक के खाली भूखण्ड 100 वर्गगज से अधिक हो।
100 वर्गगज से अधिक या 900 वर्गफीट से अधिक के व्यावसायिक भूखण्डों पर नगरीय विकास कर उदग्रहणीय है।
1 भूखण्ड जिसे विभिन्न प्रायोजनों के उपयोग में लिये जाये ऐसे भूखण्ड मिक्स (मिर्श्रीत) प्रोपर्टीज होते
है। जैसे आवासीय कम व्यावसायिक भूखण्ड
नगर निगम ग्रेटर एवं हेरिटेज जयपुर द्वारा अपने क्षेत्राधिकार में समस्त संपत्तियों का जियो टैग सर्वे करने एवं नगर निगम द्वारा कर निर्धारण क़े बाद संग्रहण क़े लिए अनुबंध कर कार्य करने हेतु स्पैरो सॉफ्टेक प्रा.लि. कम्पनी को अधिकृत किया गया है।
आनलाईन स्वयंकर निर्धारण करने से एवं जीयो टेग सर्वे कर सम्पत्ति के दस्तावेज एवं मौके पर पाये
गये उपयोग श्रेणी के आधार पर सम्पत्ति के क्षेत्रफल को सम्पत्ति पर के मार्गो की डीएलसी में 2000
का भाग देने पर जो राशि आयेगी वो उक्त सम्पत्ति पर निर्धारित की जाने वाली नगरीय विकास कर
की राशि होगी।
1‘ ग 7‘ से अधिक साईज (चौडाई एवं लम्बाई) के प्रचार-प्रसार हेतु लगाये गये सूचना पटट, लोकदृश्य जो जल थल एवं आकाश से एवं सार्वजनिक मार्गो (आम रास्ता) से दिखाई देने वाले शो-केस, दिवार पर रंग से चित्रित विज्ञापन, बोर्ड, प्लेस, निओन साइन, ग्लोसाइन एल.ई.डी./एल.सी.डी. इत्यादि के माध्यम से लगाये गये सूचना पटट एवं होर्डिग पर विज्ञापन शुल्क लगाया जाता है।
नगरपालिकाओं, नगर न्यास, नगर परिषद एवं नगर निगमों में किसी भी माध्यम से किसी विशेष वस्तु, सामग्री एवं संदेश जिससे किसी विशेष का प्रचार-प्रसार करने हेतु लगाये गये लोकदृश्यों पर विज्ञापन शुल्क वसूल किया जाता है।
एक व्यावसायिक प्रतिष्ठान पर एक ही बोर्ड लगाया जा सकता है।
हां, नगरीय विकास कर का भुगतान त्ंरउनदपबपचंसण्बवउ पर जाकर ऑनलाईन घर बैठे भी कर सकते है।
हां, जयपुर शहर का क्षेत्रफल अधिक होने से मूलभूत सुविधाओं का लाभ देने एवं आपकी सम्पत्ति के
नगरीय विकास कर में प्रारदर्शिता लाने हेतु अनिवार्य है। साथ आप अपनी सम्पत्ति को आनलाईन
देख सकते है।
हां, नगर निगम जयपुर द्वारा जयपुर शहर में प्रदान की जाने वाली मूलभूत सुविधाओं की निगरानी एवं आपकी सम्पत्ति पर